बिल्वाष्टकम् स्तोत्र लिरिक्रस - त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्
बिल्वाष्टकम् स्तोत्र - त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम् - इस मन्त्र में बेल-पत्र या बिल्व पत्ते के बारे में बताया गया है। कैसा होता है या पत्ता? इस स्तोत्र या मन्त्र में बताया गया है कि सिर्फ़ एक बिल्व पत्र अर्पित करने से कितने फायदे मिल सकते हैं।
प्रसिद्ध बिल्वाष्टकम् में बेल-पत्र के गुणों और उसके प्रति शिव के प्रेम का वर्णन किया गया है। बिल्वाष्टकम् साउंड्स ऑफ़ ईशा की 'त्रिगुणा' सीडी में से एक मंत्र है। 'त्रिगुणा' सीडी में साउंड्स ऑफ़ ईशा शिव की स्तुति में मशहूर मंत्रोचारण पेश करते हैं, एक नयें और अनोखें अंदाज़ में। आइए सुनतें है:
https://soundcloud.com/soundsofisha/bilvashtakam
बिल्वाष्टकम् स्तोत्र
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्
त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
अखण्ड बिल्व पात्रेण पूजिते नन्दिकेश्र्वरे
शुद्ध्यन्ति सर्वपापेभ्यो एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
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शालिग्राम शिलामेकां विप्राणां जातु चार्पयेत्
सोमयज्ञ महापुण्यं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
दन्तिकोटि सहस्राणि वाजपेय शतानि च
कोटि कन्या महादानं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
लक्ष्म्या स्तनुत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम्
बिल्ववृक्षं प्रयच्छामि एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम्
अघोरपापसंहारं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनम्
प्रयागमाधवं दृष्ट्वा एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे
अग्रतः शिवरूपाय एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
संपादक की टिप्पणी: इस वर्ष ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि महोत्सव 27 फरवरी को मनाया जा रहा है। सद्गुरु के साथ रात भर चलने जाने वाले इस उत्सव में सद्गुरु के प्रवचन और शक्तिशाली ध्यान प्रक्रियाओं के साथ-साथ पंडित जसराज जैसे कलाकारों के भव्य संगीत कार्यक्रम भी होंगे। आस्था चैनल पर सीधे प्रसारण का आनंद लें शाम 6 बजे से सुबह सुबह 6 बजे तक।
शिव को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए ईशा एक ऑनलाइन ’थंडरक्लैप’ अभियान शुरू कर रहा है। यदि आप लोगों का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं और महाशिवरात्रि के बारे में जागरूकता फैलाना चाहते हैं, तो हमारे साथ शामिल हों। इसके लिए आपको सिर्फ एक ट्वीट करना होगा। (फेसबुक संदेश भी निमंत्रण का काम करते हैं!)