सद्‌गुरुअपनी स्कूली शिक्षा के आखिरी दिनों में विद्यार्थियों को अक्सर भविष्य का मार्ग चुनने का दबाव झेलना पड़ता है। ईशा होम स्कूल का एक विद्यार्थी सद्‌गुरु से इस समस्या का हल पूछ रहा है।

विद्यार्थी : सद्‌गुरु, मैं दसवीं कक्षा में हूं। लोग कहते हैं कि इस उम्र तक मुझे मोटे तौर पर यह तय कर लेना चाहिए कि मैं भविष्य में क्या करने वाला हूं। मैंने कुछ सोचा हुआ था, मगर मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि वह मेरे लिए सही रहेगा। ऐसी स्थिति से कैसे निपटूं?

सद्‌गुरु : जो लोग अपने भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं, वे सिर्फ भविष्य के बारे में सोचते रह जाते हैं। आपको भविष्य के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। अपने वर्तमान पर ध्यान दीजिए, भविष्य अपने आप अच्छा हो जाएगा। अगर आप भविष्य के बारे में बहुत अधिक सोचेंगे तो वह आगे बढ़ता जाएगा और फिर ‘अंतिम भविष्य’ आ जाएगा, जो है अंतिम संस्कार।

Subscribe

Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.

अपने आप को तैयार करें

अभी जीवन का आपका अनुभव बहुत कम है और जीवन से सामना बहुत सीमित रूप में हुआ है, इसलिए फिलहाल आपको कोई निर्णय करने की जरूरत नहीं है।

मैं चाहता हूं कि इस स्कूल में बढ़ने वाले बच्चे कभी रोजी-रोटी की चिंता में न पड़ें। आपके सिर में काफी दिमाग है। आपको जीविका के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
आपको बस खुद को तैयार करना चाहिए - अपने शरीर और दिमाग को खूब मजबूत बनाएं और ग्रहण करने की अपनी क्षमता को अधिक से अधिक बढ़ाएं। हम नहीं जानते कि आगे हमारे सामने क्या स्थिति आने वाली है। और जरूरी नहीं है कि कोई चीज हमारे सामने आए। हो सकता है कि हम कुछ ऐसा करें जो पहले किसी ने नहीं किया।

अगर आप अभी यह सोचने लगेंगे, ‘भविष्य में मुझे क्या करना चाहिए?’ तो आप वही मूर्खतापूर्ण चीजें करेंगे जो लोग पहले ही कर चुके हैं। भविष्य के बारे में लोगों का अक्सर विचार होता है, ‘मैं डॉक्टर बनूंगा, मैं इंजीनियर बनूंगा।’ यह सिर्फ अच्छी तरह रोजी-रोटी कमाने का एक जरिया है। मैं चाहता हूं कि इस स्कूल में बढ़ने वाले बच्चे कभी रोजी-रोटी की चिंता में न पड़ें। आपके सिर में काफी दिमाग है। आपको जीविका के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अगर आप दुनिया में कामयाब नहीं हो सके, तो मेरे पास वापस आ जाइएगा। मैं आपकी देखभाल कर लूंगा। मैं आपको बढ़िया चीजें करने के लिए दूंगा।

शैक्षिक संस्थान आपको लीक पर चलाना चाहते हैं

आजकल अधिकांश शैक्षिक संस्थान किसी भी तरह की जबरदस्त क्षमता के प्रति पूरी तरह इनसेंसिटीव या असंवेदनशील होते हैं।

किसी न किसी तरह हर किसी को नौकरी मिल ही जाएगी। यह महत्वपूर्ण नहीं है। इस जीवन के साथ, एक जीवन के रूप में कौन सी महान चीजें हुईं, सिर्फ यही मायने रखता है।
अगर आप किसी तरह की काबिलियत दिखाएंगे, तो उन्हें पसंद नहीं आएगा। वे बस आपको लीक पर चलाना चाहते हैं। अगर आप कुछ और करना चाहते हैं, तो वे मना कर देंगे। इस धरती पर असाधारण चीजें करने वाले लोग दुर्भाग्यवश वे लोग हैं, जिन्होंने स्कूली शिक्षा बीच में छोड़ दी। उन्हें स्कूल से कोई अरुचि नहीं थी बल्कि स्कूल को जबरदस्त क्षमता या जीनियस से अरुचि थी।

जब हमने ईशा होम स्कूल शुरू किया, तो मैंने यही बुनियादी चीज बताई, ‘आपको जीनियस को पहचानना होगा। सांसारिक चीजें वैसे भी हो जाएंगी। किसी न किसी तरह हर किसी को नौकरी मिल ही जाएगी। यह महत्वपूर्ण नहीं है। इस जीवन के साथ, एक जीवन के रूप में कौन सी महान चीजें हुईं, सिर्फ यही मायने रखता है।’

अपने भविष्य की चिंता मत कीजिए। बस वर्तमान को खूब अच्छे से जीएं। भविष्य अपने आप संवर जाएगा।