इंजीनियरिंग टेस्ट पास न होने की निराशा से कैसे बचें?
परीक्षा के तनाव से परेशान एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए सद्गुरु बता रहे हैं कि अगर हम फ़ेल हो जाएँ तो निराशा से कैसे बचें?
प्रश्न : मैं इंजीनियरिंग का एंट्रन्स टेस्ट पास करने की कोशिश कर रहा हूं, मगर दो बार फेल हो चुका हूं। मैं बहुत निराश हो गया हूं और उस निराशा से बाहर नहीं आ पा रहा हूं।
सद्गुरु: निराशा, हताशा और डिप्रेशन एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। जब आप निराश होते हैं, तो हताश होते हैं और हताश होने पर आप डिप्रेशन में चले जाते हैं। मैं आपको एक किस्सा सुनाता हूं।
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जीवन ऊर्जा निराश होना नहीं जानती
तो आप निराशा को कैसे छोड़ें? देखिए आपको उसे छोड़ने की जरूरत ही नहीं है, बस आप उसे पकड़ें ही नहीं। जीवन का हर रूप ख़ुद उत्साह है। किसी चींटी को चलते हुए देखिए।
अवतारों ने कभी कोई परीक्षा पास नहीं की
कई लोग परीक्षा में फ़ेल होने पर आत्महत्या कर लेते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके बिना दुनिया ख़त्म है। आप जिन लोगों की पूजा करते हैं – राम, कृष्ण, बुद्ध, ईसामसीह –उन लोगों ने कभी कोई परीक्षा पास नहीं की। फिर आप उनकी पूजा क्यों करते हैं? आप अपनी परीक्षा में पास होने के लिए उन लोगों को पुकारते हैं, जिन्होंने कभी कोई परीक्षा पास करने की परवाह ही नहीं की। यह कोई समझदारी की बात नहीं है। तो परीक्षा पास नहीं करना कोई मायने नहीं रखता। आप उसे एक सामाजिक ज़रूरत के लिए पास करना चाहते हैं, यह अलग बात है। मगर निराश होना पूरी तरह एक मनोवैज्ञानिक चीज है, यह जीवन से जुड़ा नहीं है। जब आप निराश हों और आपका मन कहे, ‘जीने से कोई लाभ नहीं, मुझे मरने दो,’ तो बस दो मिनट के लिए अपना मुंह और नाक बंद करके देखिए, आपके अंदर का जीवन कहेगा, ‘मुझे जीने दो।’
बुद्धि काम करे, तो निराशा का सवाल ही नहीं है
आप अपने ही जीवन के खिलाफ अगर कुछ भी करते हैं, तो वह मूर्खता के अलावा कुछ नहीं है। सिर्फ एक मूर्ख ही अपने जीवन के खिलाफ चल सकता है। लेकिन अभी आपने खुद को ऐसी मानसिक स्थिति में डाल लिया है, जहां आप अपने ही जीवन के खिलाफ काम कर रहे हैं। निराशा, हताशा और डिप्रेशन का मतलब है कि आप अपने ही जीवन के खिलाफ चल रहे हैं। एक मूर्ख व्यक्ति ही डिप्रेशन में जा सकता है। अगर आप बुद्धिमान होंगे तो आप कैसे डिप्रेशन में जा सकते हैं? आपने अपनी बुद्धि को पूरी तरह कैद कर दिया है, इसीलिए डिप्रेशन की गुंजाइश हुई। वरना डिप्रेशन या निराशा का कोई सवाल ही नहीं है।