वाणि ऐसी बोलिए. . .
सद्गुरु बता रहे हैं कि चाहे हमने शारीर को कितना भी बिगाड़ लिया हो, अब भी कई उपाय हैं जिनसे उसे ठीक किया जा सकता है। इनमें से एक उपाय है वाणि – जो आप बोलते हैं।
हो सकता है कि आप अपने बगल में चिल्ला रहे आदमी को न रोक पाएं, लेकिन कम से कम आप जो बोलते हैं, उस आवाज पर ध्यान दे सकते हैं, क्योंकि आप जिन ध्वनियों का उच्चारण करते हैं, उनका असर आपके ऊपर सबसे अधिक होता है।
सद्गुरु:
जीवन के सूक्ष्म आयामों को जानने और समझने के लिए, शरीर, मन, रसायन, तंत्रिका तंत्र और ऊर्जा तंत्र को तैयार करना जरूरी होता है। व्यक्ति के पास एक ऊर्जावान भौतिक शरीर होना चाहिए। तंत्रिका तंत्र पूरी तरह सक्रिय और जीवंत होना चाहिए। प्राणशक्ति पूरी तरह सक्रिय और संतुलित होनी चाहिए और आपका मन बाधक नहीं बल्कि सहायक होना चाहिए।
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आप यह सवाल कर सकते हैं कि इसकी तैयारी में कितने जीवन लगेंगे? यह निर्भर करता है कि आप कितने बिगड़े हुए हैं। आपकी जो जीवनशैली है और आप अपने भीतर जिस किस्म का रसायन विकसित कर रहे हैं, उसके कारण तंत्रिका तंत्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है। लेकिन भले ही आपका सिस्टम बुरी तरह बिगड़ा हुआ हो- आपने लगातार अपने अंदर गलत रसायन पैदा किया हो और उसने आपके तंत्रिका तंत्र को बेकार कर दिया हो; यहां तक कि अगर आपने बाहरी मदद से अपने शरीर में रसायन डाले हों और उससे आपको बुरी तरह नुकसान पहुंचा हो, तब भी अगर आप ईमानदारी से कोशिश करना चाहते हैं, तो लगभग हर किसी के लिए यह तैयारी संभव है।
सही किस्म की ध्वनियां
वाक शुद्धि
आप जो बोलते हैं, वह सबसे महत्वपूर्ण है। इसे वाक शुद्धि कहा जाता है। वाक शुद्धि का मतलब अच्छी बातें बोलना नहीं है। इसका मतलब है, सही ध्वनियों का उच्चारण करना। आपको जो भी बोलना है, उसे इस तरीके से बोलें कि वह आपके लिए लाभदायक हो। और जो भी चीज आपके लिए लाभदायक होगी, वह स्वाभाविक रूप से आपके आस-पास हर किसी के लिए भी लाभदायक होगी। अगर कोई ध्वनि आप पर अच्छा असर कर रही है, तो निश्चित रूप से वह आपके आस-पास हर किसी पर इसी तरह का असर करेगी।
ऊर्जा को संतुलित रखने के लिए ध्वनि महत्वपूर्ण है। उसके साथ-साथ भोजन, भावनाओं और साधना पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर इसका ध्यान रखा जाए, तो आप धीरे-धीरे ऐसा शरीर विकसित कर लेंगे जो चीजों को जानने-समझने में समर्थ होगा।
संपादक की टिप्पणी: अगले सप्ताह इस पोस्ट का दूसरा भाग पढ़ें, जिसमें सद्गुरु वाक शुद्धि और उसे कायम रखने के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।