शादी का फैसला : किन बातों का रखें ध्यान?
एक तरफ कुंवारे लोगों के मन में महत्वपूर्ण सवाल यह गूंजता रहता हैं कि ‘शादी करें या ना करें’ और अगर करें तो किससे, वहीं शादी-शुदा ये सोचते रहते हैं कि शादीशुदा जीवन को और अधिक मधुर कैसे बनाएं। इन्हीं सवालों को संबोधित कर रहे हैं सद्गुरु आज के स्पॉट में:
मुझसे अकसर एक सवाल पूछा जाता है कि जीवनसाथी बनाने या शादी के लिए सही व्यक्ति का चुनाव कैसे किया जाए। एक आदर्श साथी पाने की कोशिश करना असंभव की उम्मीद करना है। शादियों में अकसर गड़बड़ होने की एक वजह है कि आपको इस रिश्ते में बहुत सारी चीजें साझा करनी पड़ती हैं। मुद्दा न तो शादी का है और न ही महिला-पुरुष या पति-पत्नी का। किसी भी हालात में अगर आपको बहुत सारी चीजें किसी दूसरे के साथ साझा करनी पड़ें तो आपको इसी तरह की परेशानिओं का सामना करना पड़ेगा।
दुनिया में ऐसे बहुत से दंपत्ति हैं, जो बड़ी खूबसूरती से साथ रहते हैं, एक दूसरे से गहरा प्रेम करते हैं और एक दूसरे के जबरदस्त साथी हैं। लेकिन इसी के साथ ये रिश्ता सबसे बुरे रूप भी ले सकता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि, बंद दरवाजों के पीछे दो लोगों के बीच क्या असभ्य और बुरी चीजें हो रही हैं, यह किसी को पता नहीं चलता। अगर सड़क पर कोई आपके पांवों को कुचल दे तो आप दूसरी तरह से प्रतिक्रिया देंगे, क्योंकि हर कोई आपको देख रहा होता है। लेकिन इस रिश्ते में आपको कोई नहीं देख रहा, इसलिए कुछ भी हो सकता है।
एक आदर्श व्यक्ति का होना शादी को सफल नहीं बनाता, क्योंकि इस दुनिया में कोई भी इंसान आदर्श नहीं है। इसलिए सबसे जरुरी चीज है- संपूर्ण निष्ठा और ईमानदारी। चाहे कोई आपको देख रहा हो या नहीं, लेकिन आपको हर जगह एक ही तरह से व्यवहार करना चाहिए। आप कहां व किसके साथ हैं, इसके आधार पर आप जो भी हैं, उसे बदलना नहीं चाहिए। एक बार आपने अपने अस्तित्व का तरीका तय कर लिया तो दूसरों के साथ व्यवहार एक आनंद की चीज हो सकती है। इसका एक पहलू यह भी है कि अगर आप हमेशा एक दूसरे से कुछ न कुछ पाना चाहेंगे और अगर आपको या सामने वाले को वो नहीं मिलेगा, जो वह चाहता है, तो दोनों के बीच लगातार संघर्ष बना रहेगा।
शादी करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन आपके भीतर शादी की जरूरत न होने पर भी अगर आप शादी करते हैं तो यह एक अपराध है, क्योंकि तब आप अपने और कम से कम एक और व्यक्ति के जीवन में दुख का कारण बनेंगे। हम हर व्यक्ति को शादी करने की सलाह तभी देंगे, जब हमें लगेगा कि मानव जाति खतरे में है या लुप्त हो सकती है, लेकिन मानव आबादी तो फिलहाल विस्फोटक हालत में है। अगर आप बच्चे पैदा नहीं कर रहे तो आप मानवता की एक बड़ी सेवा कर रहे हैं। अगर इस पक्ष के बारे में बात न करें – तो सबसे महत्वपूर्ण चीज़ ये है कि सभी का शादी करना जरुरी नहीं है।
एक बार किसी ने गौतम बुद्ध से पूछा कि क्या मुझे जीवनसाथी रखना चाहिए? इस पर उन्होंने जवाब दिया - कि किसी मूर्ख के साथ चलने से बेहतर है कि अकेले चला जाए। मैं इतना क्रूर नहीं हूं। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि अगर आपको अपने जैसा कोई मूर्ख मिल जाए तो फिर कुछ हो सकता है। लेकिन यह आपकी अपनी जरूरत के मुताबिक होना चाहिए, न कि इसलिए कि समाज क्या कहेगा या दूसरे लोग शादी कर रहे हैं, या फिर आपको अपने अकेले होने की चिंता है।
शादी को लेकर एक बात और याद रखनी चाहिए कि आप शादी इसलिए करते हैं, क्योंकि आपको सहारे या सहयोग की जरूरत होती है। यह सहयोग शारीरिक भी हो सकता है, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक या आर्थिक भी हो सकता है। सहयोग भले ही कैसा भी हो, लेकिन आप शादी करके दूसरे पर परोपकार नहीं कर रहे। आप शादी करते हैं, क्योंकि आपको उससे कुछ खास चीजें चाहिए होती हैं। अगर सामने वाला आपको वो चीजें देने के लिए तैयार है, तो आपको उसका आभारी होना चाहिए। अगर ऐसी सोच रखेंगे तो ज्यादा टकराव नहीं होगा।
आप आदर्श पुरुष या आदर्श स्त्री की तलाश में न रहें, क्योंकि कोई भी ऐसा नहीं है। अगर आपको लगता है कि आपको एक साथी की जरूरत है, तो किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढिए, जो काफी कुछ आपके मनमाफिक हो। अगर आप दोनों एक दूसरे को स्वीकार कर सकें, प्रेम कर सकें, सम्मान कर सकें, साथ लेकर चल सकें, परवाह करें और जिम्मेदारी लें तो यह एक बेहद खूबसूरत रिश्ता हो सकता है।
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होती है एक ही आशा हर प्रेमी की
कि दो जीवन मिलकर हो जाएं एक
होती है कामना जीवन से
जीवन को मिलाने की
और पूर्ण करने की जीवन-अनुभूतियों को।
नहीं है सुंदरता साथ होने में
सुंदरता तो है संरेखन में
एक-दूसरे के अनुसार होने में
कुछ वैसे जैसे होती है
छाया अपने बिंब के संग
सम्पूर्णता के क्षणों में
एक सा बन जाने में।
लेकिन उफ् ! जीवन की यह प्रकृति
जो कहती है बढ़ना है आगे,
छाया नहीं चल पाती
संग अपने बिंब के
घटती-बढ़ती रहती है
हर पल- हर क्षण।
आपके अस्तित्व की अपारदर्शिता
देती है जन्म अनगिनत सायों को।
एक पारदर्शी अस्तित्व को जानकर
ही आप जानेंगे एक ऐसा अस्तित्व
जो है छाया-रहित और सम्पूर्ण मेल-युक्त।