दुनिया के सभी दुखी लोग सोचते हैं कि ब्रह्माण्ड में ही कुछ गड़बड़ी है। उस गलती को समझाने के लिए, या अपने इस गलती का हिस्सा होने का कारण बताने के लिए, उनके पास हर तरह की फिलोसफी होती है। सद्गुरु कह रहे हैं कि हर संभव तरीके से वास्तविकता से जुड़े रहकर ही कोई ज्ञान प्राप्त कर सकता है, अपने दिमाग में बेकार की बातें सोचकर नहीं।
Subscribe