एक युवा साधक ने सद्गुरु से पूछा कि उस दिन उसका जन्मदिन होने पर भी वो पार्टी करने के बजाय सत्संग में बैठा है, और घरवाले इसे लेकर चिंतित हैं। सद्गुरु विस्तार से बताते हैं कि एक पुत्र के रूप में अपने माता-पिता के प्रति हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य क्या है।
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