इससे फर्क नहीं पड़ता कि दुनिया आप पर क्या उछालती है, उसे अगर आप अपनी खुशहाली में बदल सकें, तो आप जहाँ भी जाएं, जिस तरह के हालात में जिएँ, चाहे आप स्वर्ग जाते हैं या नर्क, कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि आप जानते हैं कि आप उसे अपनी खुशहाली में बदल देंगे। यही वो गुण है जिसकी हम पूजा करते हैं। सद्गुरु राम व ईसा मसीह के जीवन का उदाहरण देते हुए इस बात को गहराई से समझा रहे हैं।
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