प्रश्न: दूसरों से हमें जो उम्मीदें होती हैं, और उनसे मिलने वाली निराशा को हम कैसे संभाले? इस सवाल के जवाब में सद्गुरु कहते हैं कि उम्मीदें पैदा करने का कोई मतलब नहीं है। हमें बस यह देखना चाहिए कि अपनी काम करने की क्षमता को कैसे बढ़ाएं, बेवकूफी भरी उम्मीदों पर अपना वक्त बर्बाद करने में नहीं।
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Jul 20, 2022
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