आकाश तत्व को कैसे शुद्ध करें?
हमारी पंचतत्व श्रृंखला में आज पढ़ते हैं आकाश तत्व के बारे में। यह एक ऐसा तत्व है जिस पर बाकी के चारों तत्व टिके हुए हैं। क्या कुछ ऐसा है जो हम आकाश को अर्पित कर के उसे अपने लिए फायदेमंद बना सकते हैं?
पंचतत्वों की ब्लॉग श्रृंखला में आज पढ़ते हैं आकाश तत्व के बारे में। यह एक ऐसा तत्व है जिस पर बाकी के चारों तत्व टिके हुए हैं। क्या कुछ ऐसा है जो हम आकाश को अर्पित कर के उसे अपने लिए फायदेमंद बना सकते हैं?
आधुनिक विज्ञान यह स्वीकार करने लगा है कि आकाशीय बुद्धि या ज्ञान जैसी कोई चीज होती है। इसका मतलब है कि आकाश में एक खास तरह की बुद्धि होती है।
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आकाश को पांचवां तत्व कहना सही नहीं है क्योंकि यही सबसे अहम तत्व है। बाकी चार बस उसी के सहारे हैं, आकाश बुनियादी तत्व है। असीम आकाश की गोद में ये चार तत्व यह खेल खेलते हैं। हम सौर मंडल के एक गोल, घूमते ग्रह पर बैठे हुए हैं। यह अपनी जगह पर बना हुआ है तो सिर्फ आकाश की वजह से। आप अपनी जगह पर अपनी काबिलियत के दम पर नहीं बैठे हैं, बल्कि इसलिए बैठे हैं क्योंकि आकाश आपको उस स्थान पर थामे हुए है। आकाश ही इस पृथ्वी, इस सौर मंडल, इस आकाश गंगा और पूरे ब्रह्मांड को अपनी जगह पर थामे हुए है।
अगर आप जानते हैं कि अपने जीवन में आकाश का सहयोग कैसे लेना है, तो यह जीवन धन्य हो जाएगा। इसके लिए आप एक आसान सा काम कर सकते हैं।
- सूर्योदय के बाद, इससे पहले कि सूर्य तीस डिग्री का कोण पार करे, एक बार आकाश की ओर देखें और आकाश के सामने नत-मस्तक हो जाएं कि आज उसने आपको थामे रखा।
- सूर्य के तीस डिग्री का कोण पार करने के बाद, दिन में कभी भी ऊपर देखें और शीश नवाएं।
- सूर्य के अस्त होने के बाद, एक बार फिर ऊपर देखकर शीश झुकाएं, वहां बैठे किसी देवता के लिए नहीं, बस आकाश के लिए जिसने आपको आज थामे रखा।
सिर्फ इतना करें और देखें कि आपके जीवन में कैसे नाटकीय ढंग से बदलाव आता है।
क्या आपने ध्यान दिया है, तेंदुलकर भी ऊपर देखते हैं? सिर्फ वही नहीं, प्राचीन काल से ही, कोई व्यक्ति जब कोई कामयाबी हासिल करता था तो कामयाबी के उन पलों में वह ऊपर की ओर देखता था क्योंकि अनजाने में ही उसमें यह बोध होता था।
इस प्रक्रिया को सचेतन दिन में तीन बार करें। अगर आपको आकाश से मदद मिलती है, तो जीवन चमत्कारी ढंग से चलने लगेगा। आपने जिस ज्ञान या बुद्धि की संभावना की उम्मीद नहीं की होगी वह आपकी हो जाएगी।