गुरु पूर्णिमा कोट्स
गुरु पूर्णिमा के मौके पर पढ़ते हैं गुरु से जुड़े 25 कोट्स, जिसमें सद्गुरु गुरु की प्रकृति, उनकी भूमिका के साथ-साथ कुछ ऐसे शानदार व महान गुरुओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से इस को धरती को कृतार्थ(ग्रेटफुल) किया।
ArticleJul 23, 2018
गुरु पूर्णिमा – इंसानी क्षमता का उत्सव
गुरु पूर्णिमा, भौतिक प्रकृति से ऊपर उठने की इंसानी क्षमता का, और आदियोगी, जिन्होंने इसे संभव बनाया, उनकी महानता का उत्सव है। - सद्गुरु
Guru Purnima Quotes in Hindi
मेरी कामना है कि आप अपने जीवन के वास्तविक मकसद और क्षमता को पहचानें। इस गुरु पूर्णिमा पर मेरा आशीर्वाद आपके साथ है। - सद्गुरु
भगवान शिव - आदियोगी या पहले योगी, और आदिगुरु या प्रथम गुरु
योगिक संस्कृति में हम शिव को ईश्वर के तौर पर नहीं देखते। हमारे लिए शिव आदियोगी यानी पहले योगी और आदि गुरु यानी पहले गुरु हैं। - सद्गुरु
आदि योगी ने मानवता को योग विज्ञान प्रदान किया, जो आत्म रूपांतरण का एक साधन है। ये साधन किसी जबरदस्ती की वजह से कायम नहीं रहा है, बल्कि अपनी कुशलता और प्रभाव की वजह से कायम रहा है। - सद्गुरु
आदियोगी आत्मिक कल्याण की एक ऐसी प्राचीन और शानदार तकनीक के प्रतीक हैं, जो धर्म के प्रारंभ से भी पहले की है। - सद्गुरु
आदि योगी का महत्व यह है कि उन्होंने मानव चेतना को ऊपर उठाने के ऐसे तरीके प्रदान किए, जो हर काल के लिए प्रासंगिक है। - सद्गुरु
आदियोगी, आत्म रूपांतरण के साधनों का स्रोत, एक प्रतीक व एक संभावना हैं - जिनसे आप खुद को रूपांतरित करके अपना जीवन खुद रच सकते हैं। - सद्गुरु
आदियोगी आपको सभी रोगों, दुखों व गरीबी और सबसे बड़ी चीज जीवन और मृत्यु की प्रक्रिया से मुक्ति दिलाते हैं। - सद्गुरु
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आदियोगी का संबंध अतीत से नहीं है। आदि योगी भविष्य से जुड़े हैं। - सद्गुरु
आदियोगी धर्म के बारे में बात नहीं करते। आदियोगी उस जिम्मेदारी की बात करते हैं, जो अपने जीवन की प्रक्रिया को अपने हाथों में लेने की क्षमता है। - सद्गुरु
इंसान खुशी पाने के लिए मादक पदार्थों व शराब के रूप में रसायनिक चीजों का सहारा लेता है, उसे यह अहसास नहीं होता कि आनंद के सारे रसायनों के तत्व खुद उसके भीतर छुपे हुए हैं। एक ओर पूरी तरह से मादकता में डूबे होना, और दूसरी तरफ अपने भीतर से जाग्रत होना - ये संभव है। आदियोगी का यही सार तत्व है। - सद्गुरु
मैं चाहता हूं कि दुनिया यह जाने कि योग के जन्मदाता आदियोगी - यानी खुद शिव ही हैं। - सद्गुरु
आदियोगी दुनिया को मुक्ति की ओर ले जाने वाली एक भव्य उपस्थिति हैं। - सद्गुरु
आदियोगी सभी धर्मों के आने से पहले से हैं। उनकी विधियों की सार्वभौमिकता का उत्सव मानाने के लिए, आदियोगी का यह भव्य चेहरा 112 फीट ऊंचा है। - सद्गुरु
आदियोगी ने ज्ञान का जो आधार तैयार किया, वह इस धरती पर आध्यात्मिक कहलाई जाने वाली लगभग हर चीज़ का मूल स्रोत है। - सद्गुरु
यौगिक संस्कृति में शिव को ज्ञान व मुक्ति के स्रोत आदियोगी यानी प्रथम योगी के तौर पर देखा जाता है। - सद्गुरु
अगर आप अगले पल में एक बिल्कुल नए जीव के रूप में जाना चाहते हैं - तो उसका मार्ग शिव हैं। - सद्गुरु
हम जिस परम संभावना को शिव का नाम देते हैं - वो बहुत जीवंत व सुलभ है, और वो हमेशा से ही ऐसी रही है। - सद्गुरु
गुरु की महिमा
गुरु का काम ग्रंथों या पुराणों की व्याख्या करना नहीं है, बल्कि उसका काम आपको जीवन के एक दूसरे आयाम में ले जाना है। - सद्गुरु
गुरु भौतिकता से परे का द्वार है। गुरु सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जो उससे परे है, वो महत्वपूर्ण है। - सद्गुरु
गुरु कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जो आपको रास्ता दिखाने के लिए मशाल लेकर खड़ा रहता है। वह खुद ही जलती मशाल है। - सद्गुरु
गुरु इंसान के लिए बैसाखी नहीं, बल्कि एक पुल होता है। - सद्गुरु
गुरु एक उत्प्रेरक(कैटेलिस्ट) है। उसकी मौजूदगी आध्यात्मिक प्रक्रिया को सक्रीय करती है, ऊँचा उठाती है, और तीव्र करती है। - सद्गुरु
अतीत के गुरु और यौगिक साधना का महत्व
जिन आयामों ने कृष्ण और जीसस को कृष्ण और जीसस बनाया, वही आयाम आपके व आपके आसपास के लोगों के भीतर भी मौजूद हैं। उन आयामों के साकार होने के लिए, बस आपको ध्यान देने की जरूरत है। - सद्गुरु
जीसस ने कहा था, ‘ईश्वर का साम्राज्य तुम्हारे भीतर है।’ योग उसी का अनुभव कराता है। - सद्गुरु