पढ़ें सद्गुरु के 12 लव कोट्स
आईये, हम प्यार को एक अलग नज़रिये से देखें, आज की दुनिया में रहने वाले एक दिव्यदर्शी की नज़र से! हम यहाँ सद्गुरु की अंतर्दृष्टि और प्रेरक विचारों से भरपूर उनके 12 कोट्स पेश कर रहे हैं, जो युगों से चले आ रहे इस विषय पर एक नयी रोशनी डालते हैं।
ArticleJun 6, 2021
ईश्वर या कोई और आपसे प्यार करता है या नहीं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपका स्वयं का प्रेमपूर्ण होना ही आपके जीवन को सुखद व मीठा बनाता है।
प्यार कोई सुविधा का उपकरण नहीं है। ये अपने आपको मिटाने की प्रक्रिया है।
प्यार - आप इसे सीख नहीं सकते, आप इसका अभ्यास भी नहीं कर सकते, न ही आप इसे बाँट सकते हैं। ये तो बस, खिलने की प्रक्रिया है।
हर कोई ईश्वर से प्यार कर सकता है, क्योंकि वह आपसे कुछ नहीं माँगता। पर, जो अभी आपके साथ है, उस व्यक्ति को प्यार करने के लिये आपको अपना जीवन दे देना होता है।
अगर आपके हृदय में प्यार है तो ये सारा जीवन आपका मार्गदर्शन करेगा। प्यार की अपनी बुद्धिमत्ता होती है।
प्यार एक इच्छा है, चाह है कि आप किसी को अपना एक भाग बना लें। ये एक संभावना है कि दूसरे को ख़ुद में शामिल कर के आप जो हैं, उससे ज्यादा हो जायें।
अपने प्यार को बड़ा बनाइये। केवल एक ही व्यक्ति से प्यार क्यों करें, जब आप सारे ब्रह्मांड के साथ प्यार कर सकते हैं?
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प्यार के लिये कोई बीमा नहीं होता, कोई गारंटी नहीं होती। इसे जीवित रखने के लिये जागरूकता चाहिये।
अगर आप चाहते हैं कि हर कोई आपसे प्यार करे, तो पहली बात ये है कि आपको हर एक के साथ प्यार करना होगा।
जिन लोगों को प्यार नहीं मिलता, सिर्फ वो ही ऐसी कल्पना करते हैं कि ईश्वर प्रेम है। प्यार तो एक मानवीय भावना है।
दुनिया के 7.5 अरब लोगों में से अपने आपको निकाल कर, अगर आप बहुत अकेलापन महसूस करते हैं तो ये प्यार नहीं है, मोह है।
'शर्तों के साथ प्यार' और 'बिना शर्तों के प्यार' जैसा कुछ भी नहीं होता। एक तरफ शर्तें होती हैं, दूसरी तरफ प्यार होता है।
ज्यादातर लोगों के लिए, प्रेम का मतलब होता है, ‘तुम्हें वही करना चाहिए, जो मैं चाहता हूं।’ नहीं, प्रेम का असली मतलब है कि वे जो चाहें कर सकते हैं, और हम फिर भी उन्हें प्रेम करते हैं।
जो इंसान सही और गलत, पसंद और नापसंद के दायरे में ही फंसा हुआ है, वह प्रेम के तानेबाने को कभी नहीं जान पाएगा।
आप प्रेम में ऊंचे नहीं उठ सकते, आप प्रेम में उड़ नहीं सकते, आप प्रेम में खड़े नहीं हो सकते – आपको लव (प्रेम) में फॉल करना (गिरना) होगा। अगर आप भावनाओं के जादू को जानना चाहते हैं, तो आपके कुछ अंश को फॉल करना (गिरना) होगा।
वासना एक ज़बरदस्त ज़रूरत है; प्रेम कोई ज़रूरत नहीं है। जब आप प्रेम करते हैं, तब आप तृप्त हो जाते हैं, और किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं रहती। प्रेम में, आप बस यहाँ बैठकर अपना पूरा जीवन बिता सकते हैं।
जो लोग अपने दिमाग के कचरे को एक किनारे रख देते हैं, सिर्फ वे ही करुणा और प्रेम करने के वाकई काबिल होते हैं।
प्रेम करने की, दूसरों तक पहुँचने और जीवन को अनुभव करने की आपकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। सीमाएं सिर्फ शरीर और मन के काम करने की होती हैं।
जब आप प्रेम में पड़ते हैं, तब आपके सोचने और महसूस करने के तरीके, आपकी पसंद और नापसंद, आपकी फिलॉस्फी और विचारधाराएं सब कुछ पिघल जाता है।
तर्क से परे भी एक जगह है। जब तक आप वहां नहीं पहुंचते, आप न तो प्रेम की मिठास को जान पाएंगे और न ही ईश्वर को।
योग एक जबरदस्त प्रेम प्रसंग है। यह जीवन के हर रूप और हर आयाम को शामिल करने की प्रक्रिया है।
Editor's Note: Check out the DVD Love – A Chemical Hijack where Sadhguru and renowned filmmaker Shekhar Kapur explore the different dimensions of love.