सदगुरु के 10 सुविचार - शांति के बारे में
अक्सर, शांति को आध्यात्मिक होने के एक परिणाम के रूप में देखा जाता है और कभी कभी तो इसे जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य, सबसे ऊँचे मकसद की तरह भी बताया जाता है। इस गलतफहमी को यहाँ सदगुरु अपने छोटे छोटे, पर, मार्मिक विचारों के द्वारा तोड़ रहे हैं।
ArticleJul 3, 2021
शांति जीवन का सबसे बड़ा मकसद नहीं है। ये सबसे बुनियादी ज़रूरत है।
संसार में ये सारा टकराव, संघर्ष जो चल रहा है, वो मनुष्य के मन की बाहरी अभिव्यक्ति ही है। अगर मनुष्य के मन की स्थिति आरामदायक हो, तो हमें शांति की शक्ति का पता चलेगा।
संसार तभी शांतिपूर्ण होगा, जब लोग व्यक्तिगत स्तर पर शांतिपूर्ण होंगे।
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आपका शरीर और मन तभी सबसे अच्छा काम करेंगे, और अपनी संपूर्ण अभिव्यक्ति दे सकेंगे, जब आप आनंदपूर्ण और शांतिपूर्ण होंगे।
अगर हम अपने मन को शांत नहीं रखते तो फिर ये संसार शांतिपूर्ण कैसे होगा? संसार के संघर्ष, टकराव मनुष्य के मन की अभिव्यक्ति ही हैं।
शांति अस्तित्व का सार है, शांति ही अस्तित्व की बुनियाद है। हम शांति का निर्माण नहीं कर सकते। अगर बहुत ज्यादा दखलंदाज़ी से दूर रहा जाये तो सब तरफ शांति ही होगी।
अगर हम व्यक्तिगत बदलाव के लिये काम नहीं करते, तो शांति के बारे में बात करना बस मनोरंजन के अलावा कुछ नहीं है।
शांति को बाहर से जबर्दस्ती थोपा नहीं जा सकता। हम अपने अंदर कैसे हैं, ये उसी का परिणाम है।
Oजब हमारा जीवन आर्थिक इंजिन से चल रहा है, और धरती पर ज़रूरी चीजें सीमित हैं - तो लड़ाई-झगड़ा तो होगा ही। शांति तो बस एक सपना ही रहेगा।
जीवन शांति के बारे में नहीं है, पर अगर आप शांति के बारे में कुछ नहीं जानते - तो जीवन को भी कभी नहीं जान सकेंगे।
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