सास बहु की आपस में क्यों नहीं बनती?
आज सास-बहु की समस्या हर घर और हर इंसान की है। सद्गुरु हमें सास बहु के बीच होने वाली अनबन के मनोवैज्ञानिक और जैविक कारणों के बारे में बता रहे हैं...
प्रश्न: सद्गुरु, तमिल में एक आम कहावत है - ‘ऐसा कोई आदमी नहीं जिसके पास अपने खेतों के लिए सही जानवर हो और ऐसा कोई आदमी नहीं जिसके पास अपनी मां के लिए सही बीवी हो।’ इस पर आपकी क्या राय है?
हर चीज़ में सबसे बेहतर की चाहत
सद्गुरु : यह अधिकतर इंसानों की एक बुनियादी समस्या है। लोग हमेशा अपने जीवन में सबसे अच्छा इंसान या सबसे बेहतर काम चाहते हैं। इस दुनिया में कोई बेहतरीन इंसान या बेहतरीन काम नहीं है।
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एक सास एक स्त्री और एक मां भी है
जहां तक मां को खुश करने की बात है, तो मां सबसे पहले एक स्त्री है। बाद में वह मां बनी। पत्नी भी मुख्य रूप से एक स्त्री है, बाद में वह पत्नी बनी। यह भूमिका बाद में आती है। उसकी पहली पहचान एक स्त्री की है। उसके बाद उसकी पहचान पत्नी और फिर मां की हो सकती है। यही क्रम है।
एक बार अमेरिका में ऐसा हुआ, मिड वेस्ट के एक परिवार का एक युवक शादी करने जा रहा था। उसने अपनी मां को यह बात बताई और लड़की को घर लाने की इजाजत चाही। वह मां का आशीर्वाद लेना चाहता था और थोड़ी सी स्वीकृति भी ताकि घर में कोई झगड़ा न हो। वह अपनी मां से बहुत प्यार करता था। उसने अपनी मां को एक मजेदार चुनौती देने की बात सोची।
इसलिए वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ अपनी तीन युवा महिला सहकर्मियों को भी साथ लेकर आया। वे सब डिनर पर आईं। वह अपनी मां को यह पता लगाने की चुनौती देना चाहता था कि उसकी गर्लफ्रेंड कौन सी है। वह उन सभी लड़कियों के साथ एक जैसा व्यवहार कर रहा था ताकि मां पता न लगा पाए। उन सभी के जाने के बाद, उसने पूछा, ‘मां, क्या तुम्हें पता चला कि मेरी वाली कौन सी थी?’ वह बोली, ‘मैं जानती हूं। जिसने लाल रंग के कपड़े पहने थे।’ उसने पूछा, ‘तुम्हें पता कैसे चला? मैंने तो उसकी ओर देखा तक नहीं। मैं हर समय दूसरी स्त्रियों को देख रहा था ताकि तुम्हें पता न चले।’ वह बोली, ‘वह जैसे ही अंदर आई, मुझे वह अच्छी नहीं लगी। इसलिए मुझे लगा कि वही तुम्हारी गर्लफ्रेंड होगी।’
दूसरों के साथ कुछ साझा करना मुश्किल होता है
घर में आने वाली नई स्त्री के प्रति सहज अस्वीकृति या विरोध का भाव होता है क्योंकि अब आपको एक ऐसे इंसान को उसके साथ साझा करना होगा, जो आपका था।
यह थोड़ी-बहुत बायोलॉजिकल समस्या है क्योंकि यह प्रजनन और सुरक्षा की प्रॉसेस या प्रक्रिया है। अगर एक स्त्री अपनी चीजों को लेकर अधिकार भाव नहीं रखती तो वह अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पाती। वह बस बच्चों को पैदा करके चली जाती। यह एक बायोलॉजिकल प्रॉसेस है जो किसी न किसी रूप में जीवन भर जारी रहती है। लेकिन अगर आप समझदार और जागरूक हैं, तो इससे निकलकर आगे बढ़ सकते हैं।