सदगुरु: एक समय में एक युवा चिकित्सक था। एक रोगी के रोग का निदान करने में उसे कुछ समस्या आ रही थी अतः वह अपने एक वरिष्ठ सहयोगी के पास सलाह लेने गया। उस वरिष्ठ सहयोगी ने कहा, "अरे! कमजोरी और उल्टियाँ? क्या ऐसा है?" "जी हाँ", युवक बोला, "लेकिन मुझे उसके इस तरह उल्टियाँ करने और कमज़ोरी का कोई चिकित्सकीय कारण नहीं मिल रहा है"। तब वरिष्ठ ने सुझाव दिया, "उसे पूछो, क्या वो गोल्फ खेलता है? अगर वो खेलता है तो उसे बंद करने को कहो। अगर वो कहे कि वो नहीं खेलता तो उसे खेलने को कहो! वो ठीक हो जायेगा"। ये स्वास्थ्य का मामला ऐसा ही होता है।

आप इस शरीर को केवल इसका उपयोग कर के ही स्वस्थ रख सकते हैं। आप इसका जितना उपयोग करेंगे, उतना ही ये बेहतर होगा।

कुछ लोग बहुत ज्यादा काम करते हैं और अस्वस्थ हो जाते हैं। लेकिन अधिकतर लोग कम काम करते हैं और बीमार रहते हैं। अगर आप 200 साल पहले रह रहे होते तो आप जितनी शारीरिक गतिविधि आज कर रहे हैं, उससे 20 गुना ज्यादा गतिविधि कर रहे होते। आप हर कहीं पैदल जाते और हर चीज़ अपने हाथों से करते। अगर आप उतनी ज्यादा गतिविधि आज कर रहे होते तो मैं आप को थोड़ा रुकने को और आराम करने को कहता। पर आज, अधिकतर लोगों के लिये शरीर का पर्याप्त उपयोग नहीं हो रहा। शारीरिक गतिविधि के संदर्भ में, आज बहुत से 20 वर्ष के लोग उतना काम भी नहीं कर सकते जितना 100 वर्ष पहले 60 साल की उम्र के लोग करते थे। इसका अर्थ ये है कि हम मानवता को कमज़ोर कर रहे हैं। आप इस शरीर को केवल इसका उपयोग कर के ही स्वस्थ रख सकते हैं। आप इसका जितना उपयोग करेंगे, उतना ही ये बेहतर होगा।

पैदल चलने में माहिर

कई साल पहले मैं, कुछ लोगों के एक समूह को पश्चिमी घाट में चलने के लिये ले गया। हसन - बैंगलोर खंड के इन क्षेत्रों में मैंने पहले भी काफी सघन यात्रा की हुई थी अतः मैं इन स्थानों के सौंदर्य और आकर्षण के बारे में जानता हूँ। ये एकदम जादुई हैं- वन्य प्राणियों एवं घनी वनस्पतियों से भरे हुए। हमारे वहाँ जाने के कुछ सप्ताह पहले ही, बैंगलोर जा रहा नौसेना का एक हेलिकॉप्टर वहाँ दुर्घटनाग्रस्त हो कर जंगलों में कहीं गिर गया था। खोजी दस्तों ने बहुत से हवाई सर्वेक्षण किये पर उसे खोज न सके। फिर वे वहाँ 200 सैनिकों की एक बटालियन लाये जिन्होंने जंगल को छानना शुरू किया पर कुछ सप्ताह के बाद भी वे उस हेलिकॉप्टर को ढूँढ नहीं सके। तो वहाँ पर वनस्पति इतनी घनी थी।

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स्वास्थ्य के बारे में कुछ सरल बातों में से एक ये है कि आप बस शरीर का उपयोग करें। यदि आप शरीर का पर्याप्त रूप से उपयोग करते हैं तो इसके पास वो सब कुछ है जिससे ये अपने लिये अच्छे स्वास्थ्य का निर्माण कर सके।

हम लगभग 35 - 40 लोग वहाँ चल रहे थे। हमें अपना खाना बनाने में और बाकी सब कुछ करने में भी बहुत परेशानी हो रही थी क्योंकि वहाँ मूसलाधर वर्षा हो रही थी और हम सारा दिन चलते रहे थे। फिर, चलते चलते, हम इस सेना शिविर में पहुँच गये और बिन बुलाये मेहमान बन बैठे क्योंकि खाने की खुशबू बहुत अच्छी थी। आप को खाने की कीमत तभी पता चलती है जब आपने शरीर का उपयोग किया हुआ होता है। हम वहाँ पहुँचे, और उनका मुख्य अधिकारी काफी उदार था - उसने हमारा स्वागत भी किया और खुशी से हमें खाने में शामिल भी किया।

बटालियन के हवलदारों में से एक ने हमें पूछा कि हम पैदल क्यों चल रहे थे? जब हमने बताया कि हम ये इसलिये कर रहे थे क्योंकि हम चलना चाहते थे, तो उसे विश्वास नहीं हुआ। "बस, वैसे ही ?", उसने पूछा और कहा, "हम यहाँ कई सप्ताहों से हैं और प्रतीक्षा कर रहे हैं कि ये कब खत्म होगा। हर दिन हमें इस कमबख्त हेलीकॉप्टर को ढूँढने के लिये 20-30 कि.मी. चलना पड़ता है और फिर भी वो हमें मिलता ही नहीं और आप बस मजे के लिये चल रहे हैं"? उसे हम पर विश्वास नहीं हुआ। "क्या ये संभव है कि कोई बस मजा लेने के लिये चलेगा, और आप के पैरों में जो ये छाले पड़ गये हैं और इतनी मुसीबतें हैं तब भी"? वो ये समझ ही नहीं सका कि जो काम वे मजबूरी में कर रहे थे उसने ही उन्हें इतना स्वस्थ और अच्छा रखे हुए था।

जीवन को पूरी तरह से होने दें

स्वास्थ्य के बारे में सबसे सरल बात यह है कि आप बस शरीर का उपयोग करें। अगर आप शरीर का पर्याप्त रूप से उपयोग करते हैं, तो इसके पास वो सब कुछ है जिससे ये अपने लिये अच्छे स्वास्थ्य का निर्माण कर सके। मैं तो ये कहूँगा कि अगर हम अपने शरीरों का जितना संभव है उतना उपयोग करें, तो इस धरती की 80% बीमारियाँ गायब हो जायेंगी। बाकी की 20% में से 10% उन खाद्य पदार्थों के कारण होती हैं जो लोग खाते हैं। अगर आप उसे बदल दें तो ये 10% बीमारियाँ भी गायब हो जायेंगी। इसका अर्थ ये है कि सिर्फ 10% बीमारियाँ ही रह जायेंगी, जो कई कारणों से होती हैं। एक कारण तो कर्म संबंधी है, दूसरा वातावरण का है तथा कुछ और पहलू हैं जो आप की शारीरिक व्यवस्था पर प्रभाव डालते हैं, जिन्हें हम संभाल सकते हैं। सभी बीमार लोगों में अगर 90% लोग अपने शरीर का अच्छा उपयोग कर तथा सही ढंग का खाना खा कर, उसे ठीक कर सकें तो बाकी के 10% को आराम से संभाला जा सकता है।लेकिन, अभी बीमारियों की मात्रा इसलिये इतनी ज्यादा है क्योंकि हम सही ढंग से नहीं खाते, या सही ढंग से खाते हैं पर अपने शरीर का सही ढंग से उपयोग नहीं करते।

आप को सिर्फ अपने शरीर का, दिमाग का और अपनी ऊर्जाओं का सही उपयोग करना है। अगर ये तीन चीजें सही तरह के अभ्यास में हैं और संतुलित हैं, तो आप स्वस्थ रहेंगे।

लोग इस तरह से व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि स्वास्थ्य हमारा कोई विचार है और हमने स्वास्थ्य को बनाया है। परंतु, स्वास्थ्य कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिसका आप ने आविष्कार किया हो। ये आप का विचार नहीं है। जब जीवन प्रक्रिया सही चलती है तो वो ही स्वास्थ्य है। अगर आप जीवन को पूरी तरह से होने देंगे तो शरीर स्वस्थ ही रहेगा।

अतः आप को सिर्फ अपने शरीर का, अपने दिमाग का और अपनी ऊर्जाओं का सही उपयोग करना है। अगर ये तीन चीजें सही तरह के अभ्यास में हैं और संतुलित हैं तो आप स्वस्थ रहेंगे। मेरे साथ एक बार ऐसा हुआ। ये काफी पहले, दूसरे या तीसरे भाव स्पंदन कार्यक्रम के दौरान हुआ। मैं ये कार्यक्रम एक छोटी सी जगह पर कर रहा था जहाँ मुझे सीढ़ियों पर से अनगिनत बार ऊपर नीचे आना जाना पड़ता था, क्योंकि व्यवस्था उसी तरह की थी। फिर एक दिन, जब मैं कार्यक्रम का संचालन भी कर रहा था और रसोईघर का प्रबंधन भी, मैंने गिनती की और पाया कि उस दिन मैं सीढ़ियों पर 125 बार चढ़ा-उतरा था। पर कार्यक्रम के अंत में मैं एकदम स्वस्थ था।

अगर आप अचानक बहुत अधिक गतिविधि कर डालें तो आप थक सकते हैं, बीमार हो सकते हैं। पर यदि आप अपने जीवन में, अपनी गतिविधि को धीरे धीरे बढ़ायें तो आप का शरीर, मन और ऊर्जा संबंधी स्वास्थ्य सुधरेगा। आप का शरीर अच्छे ढंग से काम कर रहा है, आप का मन भी अच्छे ढंग से काम कर रहा है और आप की ऊर्जा दोनों का साथ दे रही है तथा ये सुनिश्चित कर रही है कि कुछ भी गलत न हो, तो यही स्वास्थ्य है। जीवन पूरे प्रवाह में हो रहा है, यही स्वास्थ्य है।

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