योग से जुड़े कई छोटे-छोटे प्रश्न हमें परेशान करते हैं - जैसे योग करते समय किस तरह का योग मैट इस्तेमाल करें, क्या मोजे पहन कर योग करना चाहिए? तो जानिए ऐसे सवालों के उत्तर:

प्रश्न : क्या हम योग करते समय मोजे पहन सकते हैं? और हमें किस तरह के योग मैट का इस्तेमाल करना चाहिए?

सद्‌गुरु : योग का अभ्यास करते समय मोजे पहनना जरूरी नहीं है। अगर आप सही तरीके से हठ योग करते हैं, तो यह आपके शरीर में काफी गरमी पैदा करता है। कोशिका के स्तर पर ‘उष्ण’ यानी गर्मी पैदा होगी। एक बार ऐसा हो जाए फिर आपको ठंडे देश में भी ठंड महसूस नहीं होगी।

मोज़े पहनना जरुरी नहीं है

आपके शरीर के कुछ बिंदु ऐसे हैं, जो आपस में छूने पर कुछ खास प्रभाव पैदा करते हैं। हठ योग की कई मुद्राओं में आपकी एड़ियों और पैर के अंगूठों का आपस में स्पर्श करना जरूरी होता है। वहां एक तरह से ‘सर्किट’ पूर्ण होता है। मोजे पहनने पर आप उस प्रक्रिया में बाधा डालेंगे।

आपकी अस्सी फीसदी सेहत इस पर निर्भर करती है कि धरती के साथ आपका तालमेल कैसा है। धरती के साथ जुड़ाव रखने पर आपकी अस्सी फीसदी स्थायी बीमारियां गायब हो सकती हैं।
योग करते समय आपका पहला रिश्ता धरती के साथ एक होने का होता है। धरती के संपर्क में रहना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप ऐसा कर सकें तो हठ योग में अधिकतम असर के लिए आपको कच्ची मिट्टी की एक जगह तैयार करनी चाहिए और कच्चे सिल्क या कच्चे सूती कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। ये कपड़े पहले से सिकुड़े हुए नहीं होने चाहिएं। फिर आप उन पर योग कर सकते हैं।

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हो सकता है कि आप भूल गए हों, मगर शरीर को हमेशा याद रहता है कि वह धरती का ही एक अंश है। जब आप योग का अभ्यास करते हैं, तो आप उसे अपने लिए एक चेतन और जीवंत प्रक्रिया बनाना चाहते हैं ताकि आप जिस धरती पर रहते हैं, उसके साथ खुद के एक होने को महसूस कर सकें। आपकी अस्सी फीसदी सेहत इस पर निर्भर करती है कि धरती के साथ आपका तालमेल कैसा है। धरती के साथ जुड़ाव रखने पर आपकी अस्सी फीसदी स्थायी बीमारियां गायब हो सकती हैं।

क्या रबर मैट ठीक होते हैं?

मैं जानता हूं कि ईशा के रबर के योग मैट्स मिलते हैं। मुझे बताया गया, ‘सद्‌गुरु सूती मैट जल्दी गंदे हो जाते हैं, उन्हें कौन धोएगा। इसलिए हमने रबर मैट बनाए।’

इसीलिए अगर आप घरेलू व्यक्ति हैं, यानी रोज सुबह एक ही घर में जागते हैं, तो योग के लिए सूती या कच्चे सिल्क का मैट इस्तेमाल करना सबसे बेहतर होगा क्योंकि आपको धरती से जुड़े रहना चाहिए।
और यह भी बताया गया ‘सद्‌गुरु यह एक खास मैटीरियल है जो वाकई आपको बाहरी संपर्क से बचाता है’ मैं यह पूछना चाहता हूं कि आप यहां जीवन का अनुभव करने आए हैं या जीवन के संपर्क से बचने? अनजाने में आप कई रूपों में खुद को जीवन से बचा रहे हैं। आप जानते होंगे कि आप इंसान से अधिक बैक्टीरिया हैं। जीवाणु लगातार आपके शरीर के अंदर और बाहर आ-जा रहे हैं, वे सिर्फ शरीर के भीतर नहीं हैं। अगर आप खुद को अलग-थलग कर लेंगे, तो वह भी अपने आप में एक बीमारी है। अगर आप बाकी दुनिया से खुद को बचाएंगे, तो आप जो हैं, उसकी संभावना लगातार कम होती जाएगी।

इसीलिए अगर आप घरेलू व्यक्ति हैं, यानी रोज सुबह एक ही घर में जागते हैं, तो योग के लिए सूती या कच्चे सिल्क का मैट इस्तेमाल करना सबसे बेहतर होगा क्योंकि आपको धरती से जुड़े रहना चाहिए। जैविक पदार्थ इसे संभव बनाते हैं ताकि धरती से आपका रिश्ता न टूटे।

संपादक की टिप्पणी:

*कुछ योग प्रक्रियाएं जो आप कार्यक्रम में भाग ले कर सीख सकते हैं:

21 मिनट की शांभवी या सूर्य क्रिया

*सरल और असरदार ध्यान की प्रक्रियाएं जो आप घर बैठे सीख सकते हैं। ये प्रक्रियाएं निर्देशों सहित उपलब्ध है:

ईशा क्रिया परिचय, ईशा क्रिया ध्यान प्रक्रिया

नाड़ी शुद्धि, योग नमस्कार