सद्गुरु कहते हैं कि जिस तरह हमें सड़क पर गाड़ी चलाते समय चंद्रमा से बचने की कोई ज़रूरत नहीं है, उसी तरह आपको गुस्से से बचने की जरूरत नहीं है। क्योंकि ऐसा नहीं है कि गुस्सा कहीं पर बैठा है और आकर आप पर सवार हो जाता है। आप गुस्सा हो रहे हैं, आप दुखी हो रहे हैं, आप नाखुश हो रहे हैं। आपके साथ ये चीजें मूल रूप से इसलिए हो रही हैं, क्योंकि आपने अपने मन को काबू में रखने के लिए कुछ नहीं किया है।
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