कर्म शब्द का अक्सर गलत अर्थ लगाया जाता है कि सब कुछ कर्मों के हिसाब से पहले से तय है। सद्गुरु समझाते हैं कि चीज़ों के पहले से तय होने से ठीक उल्टा, कर्म का अर्थ है कि आप अपने जीवन को अपने हाथों में ले सकते हैं। ये जीवन जीने का सबसे गतिशील तरीका है।
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