सच्ची सफलता आप किसे कहेंगे?
सद्गुरु बता रहे हैं कि सफलता दो तरह की होती है – पहली वो जिसमें दुनिया आपको सफल मानती है और दूसरी वो जिसमें आप अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचते हैं। जानते हैं इन दोनों के बारे में।
दुनिया दूसरों से तुलना करके सफलता तय करती है
सद्गुरु: दुनिया के मुताबिक, सफलता का मतलब है कि आप अपने बगल में दौड़ रहे किसी व्यक्ति से थोड़ा तेज़ भाग रहे हैं। मेरी सफलता की परिभाषा ये नहीं है। मेरे लिए, सफलता है, ‘क्या मैं खुद को पूरी तरह से इस्तेमाल कर पा रहा हूं? मैं जो हूं, क्या मैं उसकी क्षमता की पूरी संभावना को खोज पा रहा हूं?’ इसके लिए आपको बोध और एक सक्रिय बुद्धि की जरूरत होती है।
‘मैं अपनी बुद्धि को कैसे बढ़ाऊं?’ इसकी चिंता मत कीजिए। लोग अपने मन की क्षमता को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। यह आपको सामाजिक तौर पर सफल बना सकता है, वास्तव में सफल नहीं। फिलहाल अपने बोध को बढ़ाना सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आप बिना तोड़े-मरोड़े जीवन को उसके वास्तविक रूप में देख पा रहे हैं, तो आपके पास उसे अच्छी तरह चलाने के लिए जरूरी बुद्धि है। आप जीवन को आनंदपूर्वक और निश्चित रूप से अच्छी तरह भी चला सकते हैं। अगर आप उसे अच्छी तरह चलाते हैं, तो लोग कहेंगे कि आप सफल हैं।
आप चीज़ों को कितना स्पष्ट देखते हैं?
एक बार ऐसा हुआ, शर्लोक होम्स और वाट्सन पहाड़ में कैंपिंग करने गए। रात हुई तो वे सोने चले गए। आधी रात को, शर्लोक होम्स ने वाट्सन को हिलाया और वाट्सन ने अपनी आंखें खोलीं। शर्लोक होम्स ने उससे पूछा, ‘आप क्या देख पा रहे हैं?’
वाट्सन ने ऊपर देखा और कहा, ‘मैं साफ आसमान और तारे, ढेर सारे तारे देख रहा हूं।’
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शर्लोक होम्स ने पूछा, ‘आपके लिए इसका क्या मतलब है?’
वाट्सन ने जवाब दिया, ‘इसका मतलब है कि कल एक और अच्छा, गर्म और उजला दिन होगा। आपके लिए इसका क्या मतलब है?’
शर्लोक होम्स ने कहा, ‘मेरे लिए इसका मतलब है कि किसी ने हमारा टेंट चुरा लिया है।’
आप अपने जीवन के हर पहलू से सफलतापूर्वक सिर्फ तभी गुजर सकते हैं जब आप जीवन को उस रूप में देखते हैं, जैसा वह है। वरना वह एक लड़खड़ाने वाली प्रक्रिया होगी। सफलता का मतलब है कि आप दूसरों से तेज चल रहे हैं। अगर आप दूसरों से तेज चल रहे हैं और आपका बोध अच्छा नहीं है, तो निश्चित रूप से आप दूसरों से अधिक परेशान और थके हुए होंगे क्योंकि आप हर चीज से टकराएंगे।
आपकी डिग्री नहीं – देखने की क्षमता जरुरी है
अगर आप सफलतापूर्वक कोई चीज करना चाहते हैं, तो आपकी डिग्री का कोई महत्व नहीं है। वो इस पर निर्भर करता है कि आपके आस-पास की वास्तविकताओं का आपका बोध कितना स्पष्ट है। अगर आप आज को बहुत स्पष्ट देखते हैं, तो आप लॉटरी टिकट बेचकर पैसे कमा सकते हैं। अगर आप कल को बहुत स्पष्ट देखते हैं, तो आप कल वापस बेचने की योजना बना कर, आज कुछ खरीद सकते हैं। अगर आप पचास साल बाद की स्थिति को बहुत स्पष्ट रूप से देख सकते हैं तो आप कुछ बिल्कुल अलग कर रहे होंगे।
जो लोग असफल हुए, वे भी योग्य, बुद्धिमान और काबिल थे। मगर वे अपने जीवन के कुछ खास पलों में खास चीजों को नहीं समझ पाए। आपने गलत समय पर गलत प्रॉपर्टी खरीदी। आप गलत समय पर गलत बिजनेस में चले गए। आपने गलत चीज संभालने के लिए गलत शख्स रखा। यही असफलता है और यही सफलता भी है।
जरूरी नहीं है कि सफल लोग किसी चीज में असाधारण रूप से काबिल हों मगर उन्होंने अपने बोध की स्पष्टता को बनाए रखा। आप जो बात कर रहे हैं, वे उसे समझकर वहीं आपको बता सकते हैं कि उसमें क्या सच है और क्या नहीं।
सफलता की तलाश नहीं, खुद को ऊंचा उठाना होगा
इसलिए सफलता की तलाश मत कीजिए, बस क्षमता की तलाश कीजिए कि खुद को एक उच्च स्तर तक कैसे बढ़ाएं। अगर आपकी क्षमता का स्तर बड़ा है, तो आप जहां भी रहेंगे, आप कामयाब होंगे। अगर आप बहुत काबिल हैं, अगर आप क्षमता के एक खास आयाम तक खुद को विकसित करते हैं, तो सफलता आपके जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं होगी। आप जहां भी जाएंगे, वह आपके पीछे-पीछे आएगी।
अगर एक इंसान महान संभावना और महान क्षमता विकसित करता है, तो पूरी दुनिया उसके पीछे जाएगी। आप दुनिया के पीछे जाएं, उससे बेहतर है कि लोग इसलिए आपके पास आएं क्योंकि आपके अंदर एक खास क्षमता और संभावना है।
संपादक का नोट : चाहे आप एक विवादास्पद प्रश्न से जूझ रहे हों, एक गलत माने जाने वाले विषय के बारे में परेशान महसूस कर रहे हों, या आपके भीतर ऐसा प्रश्न हो जिसका कोई भी जवाब देने को तैयार न हो, उस प्रश्न को पूछने का यही मौक़ा है! - unplugwithsadhguru.org