लेख : नवंबर 17, 2017

जयपुर साहित्यिक उत्सव 2017 के दौरान, इस विश्वविख्यात उत्सव के प्रबंध निदेशक संजय रॉय ने सदगुरु से, नींद एवं इसके बारे में लोगों की बहुत ज्यादा सनक के बारे में एक प्रश्न पूछा था। इसका उत्तर देते हुए सदगुरु ने नींद, आराम, उनकी स्वयं की नींद की मात्रा तथा उन तरीकों के बारे में बताया, जिनके द्वारा हम शरीर रूपी इंजिन को सर्वाधिक उपयुक्त बना सकते हैं।

आप 100 साल जीवित रहते हैं और रोज़ 8 घंटे सोने की बात मान लेते हैं तो अपने अंत समय तक आप 33 से भी ज्यादा वर्षों का समय सिर्फ सो कर ही बिता चुके होंगे।

Subscribe

Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.

संजय रॉय: आप की पुस्तक 'इनर इंजीनियरिंग : अ योगीज गाइड टू जॉय’, में आप ने नींद, नींद के बारे में हमारी सनक तथा अन्य कई चीजों के बारे में हमारी सनक के बारे में बात की है! क्या आप इन्हें कुछ और स्पष्ट करेंगे?

सदगुरु: हमारे शरीर को नींद की आवश्यकता नहीं है। इसको ज़रूरत है आराम की। अधिकतर लोगों के अनुभव में, वे जिस आरामदायक अवस्था को जानते हैं, उसका सबसे गहरा रूप नींद है, अतः वे नींद के बारे में बात करते रहते हैं। पर मूल रूप से, शरीर आप से नींद नहीं माँगता। वो आराम चाहता है। आप जब बहुत सारी गतिविधियाँ करते हैं तो आप के शरीर में तनाव इकट्ठा होने लगता है, जिसके कारण कुछ समय बाद शरीर नींद लेना चाहता है।

आजकल कुछ तथाकथित विशेषज्ञ हैं जो नींद को बढ़ावा दे रहे हैं। मुझे लगता है कि नींद को बढ़ावा देने की कोई ज़रूरत नहीं है - लोग जब थक जाते हैं तब स्वयं ही नींद में चले जाते हैं। पर कई लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं कि हरेक को प्रति दिन 8 से 10 घंटे सोना ही चाहिये। मान लीजिये, आप 100 साल जीवित रहते हैं और रोज़ 8 घंटे सोने की बात मान लेते हैं तो अपने अंत समय तक आप 33 से भी ज्यादा वर्षों का समय सिर्फ सो कर ही बिता चुके होंगे।

लोगों ने इस आराम वाली बात को ठीक से समझा नहीं है। तो, आज आप बस ये सरल सी चीज़ कीजिये - भोजन से पहले और बाद में अपनी नाड़ी को माप लीजिये। अब, अगर आप ईशा क्रिया सीख लें, जो एक बहुत ही सरल क्रिया है और जिसके लिये आप को दिन के बस 12 मिनट लगेंगे, अगर आप इसे नियमित रूप से 4 से 6 सप्ताहों तक करें और फिर आप भोजन से पहले तथा बाद में अपनी नाड़ी का परीक्षण करें तो आप पायेंगे कि ये कम हो गयी है। इसका अर्थ ये है कि आप की आरपीएम कम हो गयी है। अगर आप अपनी कार को 5000 आरपीएम पर चलाते हैं तो 2000 आरपीएम पर चलाने की अपेक्षा ये ज्यादा जल्दी खराब होगी। इसी तरह अगर आप लगातार ज्यादा आरपीएम पर काम करते रहते हैं तो आप ज्यादा थक जाते हैं और फिर उसकी भरपाई के लिए ज्यादा नींद लेते हैं।

अगर आप अपने आप को आरामदायक अवस्था में ले आते हैं, तो आप अपने सिस्टम को शांत बना लेते हैं। जब आप यहाँ पूर्ण शांति में होते हैं तो आप के शरीर में जो तनाव बनता है वो बहुत कम होता है। लगभग 27 वर्षों तक मैं प्रतिदिन औसतन ढाई से तीन घंटे की नींद में काम चला लेता था। आजकल मैं थोड़ा ज्यादा आलसी हो रहा हूँ तो प्रतिदिन चार से साढ़े चार घंटे सो रहा हूँ।

आप को कितने घंटे सोना चाहिये यह तय करने की आप को कोई ज़रूरत नहीं है। जब आपको पर्याप्त आराम मिल जाये तो आप को जाग जाना चाहिये। अगर शरीर और मन को जागरूकता और सजगता के एक खास स्तर पर रखा जाये तो आप देखेंगे कि जैसे ही इसे पर्याप्त आराम मिल जाता है, यह पुनः कार्यरत हो जाता है।

Editor’s Note: Body: The Greatest Gadget is an introduction to the most sophisticated and incredible gadget on the planet. It is a first step on an intriguing and exciting journey that culminates in total mastery of the system, allowing us to stay rooted in the physical, and yet taste the beyond. Download now https://www.ishashoppe.com/downloads/portfolio/body-the-greatest-gadget/

A version of this article was originally published in Forest Flower, October 2017.