आध्यात्मिकता का उस वातावरण से कोई लेना देना नहीं है जिसमें आप रहते हैं। ये उस वातावरण के बारे में है जो आप अपने अंदर बनाते हैं।

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ये मत सोचिये कि आध्यात्मिकता का मतलब अच्छा, शांत जीवन है - यह तो आग पर चलने के समान है!

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आध्यात्मिक होने का मतलब है कि आप अपनी बकवास के लिये समाधान ढूँढने की कोशिश नहीं करते, बल्कि आप उसका मुकाबला करने के लिये तैयार होते हैं।

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आध्यात्मिकता कोई अलौकिक बात नहीं है, ये तो मनुष्य के अस्तित्व की मूल बात है, उसका सार है।

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आध्यात्मिक होने के लिये आपको किसी पहाड़ की गुफा में नहीं जाना है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ हैं या जीवन में क्या करते हैं? आध्यात्मिक प्रक्रिया का बाहरी चीजों से कुछ लेना-देना नहीं है - ये वो है जो आपके अंदर घटित होती है।

आध्यात्मिकता आख़िरी लालच है। आप सिर्फ सृष्टि के किसी टुकड़े की इच्छा नहीं रखते, आप तो सृष्टि के स्रोत को ही पाना चाहते हैं।

आध्यात्मिकता का मतलब कुछ खास होना नहीं है - ये तो हर चीज़ के साथ एक हो जाने के बारे में है।

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आध्यात्मिकता के नाम पर कुछ लोग एक अलग ही, आसान रास्ते पर चले जाते हैं - भ्रम के!

बस कुछ लोग ही आध्यात्मिक होने का दावा करते हैं, पर हर मनुष्य किसी न किसी तरह से आध्यात्मिक होता ही है।

आध्यात्मिकता यह है कि आप अपनी क्षमता, काबिलियत की संभावना के शिखर पर पहुँच जायें।

आध्यात्मिकता न तो कोई मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है और न ही कोई सामाजिक प्रक्रिया। ये तो 100% अस्तित्व के बारे में है।

आध्यात्मिकता का मतलब ये है कि आप अपने जीवन को तीव्रता के सबसे ऊँचे स्तर पर ले जायें।

आध्यात्मिकता आपको अपंग नहीं बनाती - ये जीवन का अद्भुत सशक्तिकरण है।

जो लोग सत्ता में, प्रशासन में हैं, उनमें आध्यात्मिकता का अंश होने की बहुत जरूरत है क्योंकि उनका हर विचार, हर काम और उनकी हर भावना बहुत सारे लोगों पर असर डालते हैं।

आध्यात्मिक प्रक्रिया में महत्व आपके विचारों या भावनाओं का नहीं है। इसमें, आपके अंदर का जीवन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

आध्यात्मिक प्रक्रिया का मतलब ये नहीं है कि आप किसी दिन स्वर्ग में जायेंगे। इसका मतलब ये है कि आप जीवन को उसकी पूरी गहराई में जानेंगे।

आध्यात्मिक होने का सबसे महत्वपूर्ण भाग ये है कि आप मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और भौतिक पहलुओं से अस्तित्वीय पहलू की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

आध्यात्मिक प्रक्रिया कोई पीछे धकेलने की बात नहीं है। ये आगे की ओर एक लंबी छलाँग है, जहाँ अभी दूसरे लोगों का पहुँचना बाकी है।

आध्यात्मिक रास्ते पर होने का मतलब ये है कि आप जान गए हैं कि आपकी तकलीफों और खुशहाली - दोनों के स्रोत आपके अंदर ही हैं।

अस्तित्व में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो आध्यात्मिक न हो। हर चीज़ आध्यात्मिक है, बस उसे समझा नहीं गया है।

अगर आप जागरूक हों तो हर चीज़ आध्यात्मिक है, और अगर आप जागरूक नहीं हैं तो हर चीज़ भौतिक है।

आपके हृदय में आध्यात्मिक प्यास तभी जगती है जब आप इस बात को समझ लेते हैं कि आप मरने वाले हैं।

आध्यात्मिक विज्ञान का मकसद लोगों को उनकी आख़िरी संभावना के बारे में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टि से जागरूक करना है।

आध्यात्मिक प्रक्रिया का मतलब आग पर चलना है। शांति तो आपको तभी मिल सकेगी जब आप हमेशा के लिये सो जायेंगे।

आध्यात्मिकता कोई नैतिकता का विज्ञान नहीं है। जो जीवन आप हैं, आध्यात्मिकता उसको विकसित करने के लिये है।

क्या आपकी आंतरिक स्थिति आपके हिसाब से नहीं है? अपनी आंतरिक स्थिति को संभालने के लिये पहला कदम ऑनलाईन इनर इंजीनियरिंग के माध्यम से लीजिये।.